छत्तीसगढ़ शिक्षक मोर्चा की पांच सूत्रीय मांगों को लेकर सौंपा गया ज्ञापन
छत्तीसगढ़ शिक्षक मोर्चा के नेतृत्व में विकासखंड रामचंद्रपुर में शिक्षकों ने अपनी पांच प्रमुख मांगों को लेकर बड़े पैमाने पर एकत्र होकर ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) रामानुजगंज और विकासखंड शिक्षा अधिकारी रामचंद्रपुर के माध्यम से राज्य के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, वित्त मंत्री, मुख्य सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव, वित्त विभाग के सचिव, और लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर के संचालक को संबोधित किया गया।
इस ज्ञापन में शिक्षकों की समस्याओं को हल करने की माँग की गई है, जो उनकी वेतन विसंगतियों, पेंशन, और अन्य आर्थिक सुधारों से संबंधित हैं। शिक्षकों ने एकजुटता से अपनी आवाज उठाते हुए इस मामले में राज्य सरकार से त्वरित समाधान की मांग की।
शिक्षकों की पांच सूत्रीय मांगें:
1. वेतन विसंगति का निवारण और क्रमोन्नत वेतनमान
शिक्षकों की मुख्य मांग यह है कि मोदी जी की गारंटी के तहत सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए। इसमें सहायक शिक्षकों के वेतन को समान स्तर पर लाने के लिए एलबी संवर्ग के सभी शिक्षकों को क्रमोन्नत वेतनमान प्रदान करने की माँग शामिल है।
शिक्षकों का कहना है कि वेतन विसंगति के कारण उन्हें लंबे समय से उचित वेतन नहीं मिल रहा है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति प्रभावित हो रही है। उन्होंने इस वेतन विसंगति का निवारण करते हुए एक समान वेतनमान निर्धारित करने की आवश्यकता जताई है।
2. सही वेतन निर्धारण और गुणांक पर वेतन
शिक्षकों ने समतुल्य वेतनमान में सही निर्धारण की मांग की है। इसमें 1.86 के गुणांक पर वेतन निर्धारण किया जाना चाहिए ताकि सभी शिक्षकों को उनके कार्य और सेवा के आधार पर उचित वेतन मिल सके।
यह मांग शिक्षकों के लिए आर्थिक सुधार की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे उन्हें समानता के आधार पर वित्तीय लाभ मिलेगा।
3. पुरानी पेंशन बहाली और पेंशन अवधि में सुधार
तीसरी प्रमुख मांग पुरानी पेंशन योजना की बहाली से संबंधित है। शिक्षकों ने माँग की है कि पूर्व सेवा अवधि की गणना करते हुए सभी एलबी संवर्ग शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाए। इसके अतिरिक्त, 33 वर्ष में पूर्ण पेंशन के स्थान पर 20 वर्ष में पूर्ण पेंशन का प्रावधान किया जाए, जैसा कि भारत सरकार के 2 सितंबर 2008 के आदेश में है।
शिक्षकों का कहना है कि वे वर्षों से अपनी सेवाएँ दे रहे हैं और इसके बाद भी उन्हें पर्याप्त पेंशन का लाभ नहीं मिल पाता। इस कारण उन्होंने पेंशन योजना में सुधार की मांग की है ताकि उनकी सेवा के बाद का जीवन सुरक्षित हो सके।
4. क्रमोन्नति/समयमान के लिए विभागीय आदेश
शिक्षक समुदाय ने बिलासपुर उच्च न्यायालय के याचिका क्रमांक WA/261/2024 में दिए गए निर्णय का उल्लेख करते हुए मांग की है कि सभी पात्र एलबी संवर्ग के शिक्षकों के लिए क्रमोन्नति/समयमान का विभागीय आदेश जारी किया जाए।
28 फरवरी 2024 को दिए गए उच्च न्यायालय के इस निर्णय का उद्देश्य शिक्षकों को उनके अनुभव और सेवा के आधार पर पदोन्नति का लाभ प्रदान करना है। शिक्षकों का कहना है कि यह आदेश लागू होने से वे अपने कैरियर में बेहतर प्रगति कर सकेंगे।
5. महंगाई भत्ता और एरियर का समायोजन
अंतिम मांग महंगाई भत्ते से संबंधित है। शिक्षकों ने केंद्र सरकार के समान 1 जुलाई 2024 से 3% महंगाई भत्ते की माँग की है। इसके अतिरिक्त, जुलाई 2019 से लंबित महंगाई भत्ते का एरियर जीपीएफ/सीजीपीएफ खाते में समायोजित करने की माँग की गई है।
शिक्षकों का मानना है कि महंगाई के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए यह भत्ता उनकी आर्थिक स्थिति को स्थिर बनाए रखने में सहायक होगा। केंद्र के बराबर महंगाई भत्ता मिलने से उनकी क्रय शक्ति में वृद्धि होगी और वे अपने परिवार का भरण-पोषण बेहतर ढंग से कर सकेंगे।
ज्ञापन सौंपने में शामिल प्रमुख शिक्षक
इस ज्ञापन में छत्तीसगढ़ शिक्षक मोर्चा के विभिन्न पदाधिकारी और सैकड़ों की संख्या में शिक्षक सम्मिलित हुए। प्रमुख रूप से ब्लॉक संचालक राजेश्वर कुशवाहा, प्रदीप चौबे, विद्यासागर गुप्ता, रमन गुप्ता, आईटी सेल प्रभारी रूप कुमार सिंह, श्रवण जायसवाल, मंटू ठाकुर, आशीष कुमार गुप्ता, जयकुमार चौबे, प्रमोद मेहता, मिथिलेश यादव, जय सिंह सूर्यवंशी, दिनेश गुप्ता, प्रमोद यादव, संजय गुप्ता, आनंद चौबे, रमेश ठाकुर, शिवकुमार सिंह, राकेश मिश्रा, शाहिद मानसरोवर सिंह, रामाधार सिंह, आलोक सिंह, मोहम्मद इस्लाम, अरुण बर्मन, सुशील तिवारी, अभिषेक मेहता सहित अन्य शिक्षक शामिल थे।
आंदोलन का उद्देश्य और शिक्षकों की मांगों का महत्व
शिक्षक समुदाय का यह आंदोलन उनके अधिकारों और उनके आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा के प्रति राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास है। शिक्षकों का मानना है कि उनकी मांगे न केवल उनके भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इससे वे मानसिक रूप से स्वस्थ रहकर बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर सकेंगे। वेतन विसंगति, पुरानी पेंशन योजना, क्रमोन्नति, और महंगाई भत्ता जैसे मुद्दे शिक्षकों के जीवन में सीधे प्रभाव डालते हैं।
इस ज्ञापन के माध्यम से छत्तीसगढ़ शिक्षक मोर्चा ने अपनी समस्याओं और मांगों को राज्य सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया है। शिक्षकों का यह प्रदर्शन एक चेतावनी के रूप में भी देखा जा सकता है कि यदि उनकी मांगों को अनदेखा किया गया तो वे और भी बड़े स्तर पर आंदोलन करने के लिए तैयार हैं। शिक्षकों ने इस ज्ञापन के माध्यम से सरकार से अपील की है कि वे इन मुद्दों पर तत्काल विचार करें और उनकी समस्याओं का समाधान करें, ताकि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित हो सके और वे अपनी सेवाएँ अच्छे से दे सकें।