बलरामपुर। मामला जिले के ग्राम पंचायत दोलंगी थाना रामचंद्रपुर ब्लॉक का है जहां पर पण्डो विशेष पिछड़ी जनजाति राष्ट्रपति दत्तक पुत्र परिवार से तीन लोगों की मौत हो जाने से परिवार में मातम छा गया है।
ग्राम पंचायत दोलंगी के रहने वाले रामलखन पण्डो पिता स्व. राम चलितर पण्डो उम्र 32 वर्ष , उपेंद्र पण्डो पिता राम लखन पण्डो उम्र 9 वर्ष एवं दिनेश पण्डो पिता राम-लखन पण्डो उम्र 12 वर्ष इन तीनों बाप बेटा लोगों का मृत्यु तीन-चार दिनों के अंदर हुई है।बताया जा रहा है राम लखन पण्डो सहित उसके दोनो बच्चे बिमार थे और जड़ी-बूटी से स्वयं इलाज कर रहे थे।ये परिवार जंगल किनारे रहने के कारण गांव वालों से भी संपर्क ज्यादा नहीं रहता था।
बीमार होने के कारण उपेन्द्र पण्डो उर्फ पिंटू उम्र 9 वर्ष की मृत्यु 14 अगस्त को घर में हो गया था। गांव वाले जब उसके अंतिम संस्कार में पहुंचे तो उन्होंने देखा कि राम लखन पण्डो और दिनेश पण्डो भी बिमार है।और जड़ी-बूटी से इलाज कर रहे हैं।जिसके बाद गांव वालों ने वाहन की व्यवस्था कर दोनों बाप-बेटे को 15 अगस्त को मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर में भर्ती करया जहां दोनों का इलाज चाल रहा था।डॉक्टरों ने दोनों के शरीर में खून कमी होने पर खून चढ़ाने को सलाह दिया था।इसी दौरान 16 अगस्त को दिनेश पण्डो की मृत्यु जो गई जिसके अगले ही दिन 17 अगस्त को राम लखन पण्डो का भी मृत्यु हो गया।
जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति की मृत्यु की खबर सुनते ही स्वास्थ्य विभाग के अमले में हड़कंप सी मच गया जिसके बाद जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ बसन्त सिंह ने रामानुजगंज बीएमओ डॉ कैलाश साथ टीम गठित कर गांव में कैंप लगाया गया और मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर से दोनों बच्चों के रिपोर्ट मंगाई जा रही हैं।
इस मामले में डॉ कैलाश ने बताया कि हमारी टीम गांव में उनके परिवार वालों से मिले हैं और उनके घर से दो बच्चे और हैं जिसे जिला चिकित्सालय भेज दिया गया है जहाँ दोनों ही बच्चे स्वस्थ हैं।उन दोनों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जा रहा है और डॉक्टरों की निगरानी में बलरामपुर जिला चिकित्सालय में रहेंगे।उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव का प्रशिक्षण करेंगे और लोगों का ब्लड सैंपल भी लिया जाएगा जिससे ये पता चल सकेगा कि गाँव मे कहीं कोई और अन्य बीमारी तो नहीं है।