छत्तीसगढ़जसपुरजांजगीर चांपाझारखण्डदिल्लीबलरामपुरबिलासपुरभारतमनेन्द्रगढ़राजपुरराज्यसभारामचंद्रपुररामानुजगंजरायगढ़रायपुररायपुरवाड्रफनगरशंकरगढ़शिक्षासरगुजासुरजपुर

चार दशकों की निष्कलंक सेवा के बाद नरेश कुमार ठाकुर सेवानिवृत्त, शिक्षा क्षेत्र में योगदान बना प्रेरणा स्रोत

सेवानिवृत्ति और विदाई समारोह

नरेश कुमार ठाकुर ने अपनी निष्कलंक और अनुकरणीय सेवा यात्रा के साथ शिक्षा विभाग में अपने विभिन्न पदों पर सफलतापूर्वक कार्य करते हुए नवंबर 2024 में सेवानिवृत्ति प्राप्त की।

बलरामपुर जिला शिक्षा कार्यालय ने उनके सम्मान में एक भव्य विदाई समारोह का आयोजन किया। समारोह में वरिष्ठ अधिकारियों, शिक्षकों और गणमान्य नागरिकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की।

नरेश कुमार ठाकुर: अनुकरणीय सेवा यात्रा और सम्मानजनक विदाई

नरेश कुमार ठाकुर: सेवा यात्रा और विदाई समारोह

जन्म तिथि: 06 नवंबर 1962
सेवा आरंभ तिथि: 16 दिसंबर 1983 (सहायक शिक्षक के रूप में)



          कार्यकाल की मुख्य उपलब्धियां

1. मास्टर ट्रेनर (1995):

1995 में CAL (Computer Assisted Learning) कार्यक्रम के तहत मास्टर ट्रेनर बने।

2006 में DRP (District Resource Person) के रूप में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।


2. मुख्य दायित्व:

5 सितंबर 2005 को प्रशिक्षक के रूप में नियुक्त।

9 नवंबर 2009 को हेडमास्टर के पद पर पदोन्नति प्राप्त की।

संकुल प्रभारी के रूप में विद्यालय प्रबंधन और नेतृत्व में अहम भूमिका निभाई।


3. प्रशासनिक भूमिका:

17 मई 2012 को APC (Assistant Project Coordinator) के पद पर बलरामपुर में नियुक्त।

2014 से 2019 तक बलरामपुर जिले में DMC (District Mission Coordinator) के रूप में कार्य किया।

फरवरी 2019 से मार्च 2019 तक कमलपुर में हेडमास्टर के रूप में सेवाएं दीं।


4. अंतिम दायित्व:

मार्च 2019 से सेवानिवृत्ति तक जिला शिक्षा कार्यालय, बलरामपुर में सहायक सांख्यिकी अधिकारी के रूप में कार्य किया।



समय-समय पर जिला शिक्षा अधिकारी का कार्यभार भी संभाला।

मुख्य अतिथि:

आई.पी. गुप्ता: पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी, बलरामपुर

बी.के. राय: पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी, बलरामपुर

संजय सिंह: प्राचार्य एवं पूर्व सहायक संचालक, सरगुजा (अंबिकापुर)

ओ.पी. गुप्ता: सहायक संचालक, बलरामपुर

सदानंद कुशवाहा: BEO, रामानुजगंज

कन्हैयालाल अग्रवाल: वरिष्ठ नागरिक, सहित नगर के वरिष्ठ नागरिक और शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित थे



                  समारोह का शुभारंभ:
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के छायाचित्र पर दीप प्रज्वलित कर की गई। इसके बाद शिक्षण अधिकारियों और वरिष्ठ नागरिकों ने अपने विचार व्यक्त किए। सभी वक्ताओं ने नरेश कुमार ठाकुर के अनुकरणीय योगदान और सेवा भावना की प्रशंसा की।



                           मंच संचालन:
कार्यक्रम का संचालन रामसेवक गुप्ता ने किया, जो स्वयं नरेश कुमार ठाकुर के शैक्षणिक समय से ही उनके साथी रहे हैं। मंच पर उन्होंने कई रोचक कहानियों के माध्यम से नरेश कुमार ठाकुर की कार्यशैली और समर्पण का चित्रण किया। उन्होंने कहा:



“हम दोनों ने साथ काम किया, लेकिन हमारे कार्य करने की शैली अलग-अलग थी। नरेश जी ने शिक्षा विभाग के सामने हमेशा अपने दायित्वों का उदाहरण प्रस्तुत किया।”

उन्होंने यह भी कहा कि नरेश कुमार ठाकुर ने अपने पूरे कार्यकाल में ऐसा जीवन जिया जिस पर कभी किसी प्रकार का दाग नहीं लगा।




                        सम्मान और प्रशंसा

सभी उपस्थित वक्ताओं ने उनकी कर्मठता, ईमानदारी, और निष्ठा की सराहना की। उनकी सेवा यात्रा को आने वाले शिक्षकों के लिए प्रेरणा स्रोत बताया।


नरेश कुमार ठाकुर की सेवा यात्रा शिक्षा क्षेत्र में समर्पण और निष्ठा का आदर्श है। उन्होंने शिक्षक से लेकर जिला स्तर के प्रमुख पदों तक अपनी भूमिका को सफलतापूर्वक निभाया। उनका निष्कलंक कार्यकाल और शिक्षा के प्रति समर्पण आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा। उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा।

Related Articles

Back to top button