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बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के विरोध में बलरामपुर में आक्रोश रैली, राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के विरोध में बलरामपुर में आक्रोश रैली, राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन”


बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ बलरामपुर जिले में आज हिंदू संगठनों और आम नागरिकों ने जोरदार आक्रोश रैली निकाली। पुराना बस स्टैंड चौक पर आम सभा आयोजित की गई, जहां बड़ी संख्या में लोग जुटे। सभा के बाद, नारेबाजी करते हुए पूरे शहर में रैली निकाली गई। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और अत्याचार रोकने की मांग की।

रैली के समापन पर प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन बलरामपुर कलेक्टर को सौंपा। ज्ञापन में निम्नलिखित मांगे की गईं:

1. बांग्लादेश सरकार से हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दबाव बनाया जाए।
2. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे को उठाकर हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को रोकने के प्रयास किए जाएं।
3. बांग्लादेश में मानवाधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए ठोस कार्रवाई हो।

,,बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। इसी के विरोध में बलरामपुर में आज एक बड़ी रैली निकाली गई। हिंदू संगठनों, भाजपा, कांग्रेस और आम नागरिकों ने एकजुट होकर अपना विरोध दर्ज कराया।

     भारत सरकार से अपील:          प्रदर्शनकारियों ने भारत सरकार से अपील की कि वह इस मुद्दे पर तत्काल कदम उठाए और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इसे प्रमुखता से उठाए।



इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह अत्याचार असहनीय है और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए। उन्होंने भारत सरकार से इस दिशा में ठोस कदम उठाने की अपील की।

प्रदर्शनकारियों ने पूरे शहर में नारेबाजी करते हुए आक्रोश रैली निकाली। रैली के दौरान, प्रदर्शनकारियों ने "हिंदू एकता ज़िंदाबाद" और "हिंदुओं पर अत्याचार बंद करो" जैसे नारों के साथ अपना विरोध प्रकट किया।


हिंदू संगठनों का कहना है कि अगर भारत सरकार प्रयास करे, तो बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार को रोका जा सकता है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां सभी धर्म के लोग एकजुट रहते हैं और बांग्लादेश को भी यही संदेश देना चाहिए।

रैली के अंत में, राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें हिंदुओं के संरक्षण और उनके अधिकारों की रक्षा की मांग की गई।

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