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थाने में चौकीदार की आत्महत्या से उभरा जन आक्रोश, ग्रामीणों ने किया पथराव और पुलिस ने किया लाठीचार्ज

बलरामपुर में आत्महत्या के बाद उभरा तनाव, ग्रामीणों का थाने पर हमला

स्थानः बलरामपुर, छत्तीसगढ़ तारीखः गुरुवार

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में गुरुवार को कोतवाली थाना में स्वास्थ्य विभाग के एक चौकीदार द्वारा आत्महत्या करने के बाद इलाके में तनाव फैल गया। मृतक चौकीदार गुरु चंद मंडल, जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत संविदा पर काम कर रहा था, की पत्नी पिछले 20 दिनों से लापता थी। पुलिस इसी मामले में लगातार उसे पूछताछ के लिए बुला रही थी। घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने थाने में तोड़फोड़ और पथराव किया, जिससे पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।



घटना का पूरा विवरण

गुरु चंद मंडल, संतोषी नगर गांव के निवासी थे, जो बलरामपुर से लगभग 20 किलोमीटर दूर है। मंडल की पत्नी रीना मंडल पिछले 20 दिनों से लापता थी, जिसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज की गई थी। इस मामले में पुलिस ने मंडल को कई बार पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन कोई ठोस सुराग नहीं मिल सका। गुरुवार को मंडल अपने पिता के साथ फिर से थाने पहुंचा था।

दोपहर लगभग 3:30 बजे, जब पुलिस मंडल के पिता से पूछताछ कर रही थी, उसी दौरान गुरु चंद मंडल थाने के बाथरूम में गए और वहीं उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना के तुरंत बाद जब यह जानकारी ग्रामीणों और मंडल के सहकर्मियों को मिली, तो वे आक्रोशित हो गए और भारी संख्या में थाने पहुंचने लगे।

ग्रामीणों का आक्रोश और पुलिस की प्रतिक्रिया

गुरु चंद मंडल की म भारी गुस्सा फैल ग खबर से ग्रामीणों में संख्या में लोग थाने पहुंचे और थाने में बन। । लैंग और गेट को नुकसान

ग्रामीणों का आक्रोश और पुलिस की प्रतिक्रिया

गुरु चंद मंडल की मौत की खबर से ग्रामीणों में भारी गुस्सा फैल गया। बड़ी संख्या में लोग थाने पहुंचे और थाने में बनी रेलिंग और गेट को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया। इसी दौरान पुलिस की दो गाड़ियों-एक बोलेरो और एक टाटा सूमो पर भी पथराव किया गया, जिससे गाड़ियों के कांच टूट गए।

स्थिति बिगड़ने पर पुलिस को मजबूरन लाठीचार्ज करना पड़ा और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। इसके बावजूद, ग्रामीण सड़क पर धरना देने लगे और सड़क को जाम कर दिया, जिससे इलाके में तनावपूर्ण माहौल बन गया।

मृतक के परिजनों और ग्रामीणों के आरोप

गुरु चंद मंडल के परिजनों का आरोप है कि पुलिस की प्रताड़ना और मारपीट के कारण ही मंडल ने आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठाया। उनका कहना है कि पुलिस द्वारा बार-बार पूछताछ के नाम पर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था, जिससे मंडल तनाव में आ गया था। परिजनों का यह भी दावा है कि मंडल को पुलिस द्वारा शारीरिक रूप से भी प्रताड़ित किया गया था, जिससे आहत होकर उसने आत्महत्या कर ली।

प्रशासन और सरकारी अधिकारियों की प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री और स्थानीय विधायक राम विचार नेताम ने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मामले में निष्पक्ष जांच की जाएगी और जो भी अधिकारी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, बलरामपुर के थाना प्रभारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने ते हैं। भी जारी कर दिए गए

पुलिस का बयान

बलरामपुर पुलिस के एएसपी शैलेन्द्र पांडे ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है और पुलिस पर लगाए गए सभी आरोपों की जांच की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मृतक के साथ पुलिस द्वारा किसी भी प्रकार की मारपीट नहीं की गई थी। उनका कहना है कि पुलिस मामले में अपना कार्य कर रही थी और आत्महत्या के पीछे की असली वजह का पता लगाने के लिए जांच जारी है।

स्थिति अभी भी तनावपूर्ण

इस घटना के बाद से बलरामपुर में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। पुलिस ने थाने को सुरक्षा के लिहाज से घेर लिया है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। दूसरी ओर, ग्रामीण अब भी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और मृतक के परिजनों को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं।

संभावित असर और आगे की स्थितिः

• प्रशासन द्वारा स्थिति को काबू में लाने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है।

• घटना की जांच के लिए एक विशेष टीम का

गठन किया गया है, जो पुलिस की भूमिका और

आत्महत्या के कारणों का पता लगाएगी।

• इस घटना का राजनीतिक और सामाजिक

प्रभाव भी हो सकता है, क्योंकि ग्रामीणों और

मृतक के परिजनों में सरकार और पुलिस

प्रशासन के खिलाफ आक्रोश है।

बलरामपुर में इस घटना के बाद से प्रशासन पर

दबाव बढ़ा है, और क्षेत्र में शांति बनाए रखने के

लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

पूरे मामले में जहां परिजन पुलिस के द्वारा मारपीट का आरोप लगा रहे हैं तो दूसरी तरफ पुलिस अपना बचाव करते हुए मृतक के साथ में किसी भी प्रकार की कोई भी मारपीट नहीं किया गया है अब देखना यह होगा कि आने वाले समय में कुछ अधिकारियों के द्वारा कुछ तरीके के जांच की जाति और क्या तात्य सामने खुलकर कर आते हैं

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