बलरामपुर ।।आज आपको हम एक विधायक की सरलता और सहजता से लबरेज तस्वीरें दिखाने जा रहे हैं ,क्या आपने कभी किसी विधायक को बच्चों के साथ हॉस्टल में रात्रि विश्राम करते देखा है. खेलते देखा है.उनके साथ बैठकर जमीन पर भोजन करते.यदि नहीं तो आज देख लीजिए,बलरामपुर रामानुजगंज जिले में सामरी विधायक चिंतामणि महाराज का एक अलग अंदाज देखने को मिला है उन्होंने हॉस्टल की व्यवस्था जानने के लिए खुद ही 1 दिन के लिए विद्यार्थी रूप अपना लिया ।
तस्वीरों में स्कूल और हास्टल का निरीक्षण कर रहे बच्चों के साथ जमीन पर बैठकर भोजन कर रहे और खेल रहे व्यक्ति ना तो शिक्षक हैं ना ही विद्यार्थी. बल्कि यह सामरी क्षेत्र के विधायक चिंतामणि महाराज हैं. दरअसल चिंतामणि महाराज एकलव्य आवासीय विद्यालय दोहना शंकरगढ़ के औचक निरीक्षण में पहुंचें थे और इस दौरान निरीक्षण के बीच अचानक उन्होंने हॉस्टल में ही रुकने का रात्रि विश्राम करने का प्लान बना लिया। दरअसल वह हॉस्टल की व्यवस्थाओं और बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं से वाकिफ होना चाहते थे
। इसी बीच उन्होंने प्रोटोकॉल में अचानक बदलाव कर दिया. पहले विधायक ने हॉस्टल के हर एक कमरे का निरीक्षण किया शिक्षकों से और बच्चों से बात की और फिर बच्चों की मांग के अनुसार उनके साथ वह बैडमिंटन भी खेलने लगे और फिर रात में बच्चों के साथ ही भोजन कर उन्होंने रात्रि विश्राम किया।
इस बीच हॉस्टल के छात्रों से विधायक ने वन टू वन चर्चाएं भी की जिसमें सूर्यकांत नाम के छात्र ने सामाजिक कार्यकर्ता कैसे बने यह सवाल विधायक से किया तो वहीं जीवन पैकरा ने विधायक की ही सफलता पर सवाल पूछ डाले तो वहीं राजलक्ष्मी ने शिक्षकों की कमी बताई जिस पर विधायक ने सभी सवालों का जवाब देते हुए समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया।
निश्चित ही राजनेताओं के इस तरह के पहल से हॉस्टल की सुविधा तो बदलती ही हैं वहीं नेताओं का सीधे तौर पर जनता और छात्रों से मेल जोल भी बढ़ता है जो आज के समय में देखने को नहीं मिलता है।
विधायक चिंतामणि महाराज ने कहा हॉस्टल के निरीक्षण करने का उद्देश्य हॉस्टल की व्यवस्थाओं को जानना था और मुझे एक कार्यक्रम में शामिल होना था .इस समय अचानक मन बना की रेस्ट हाउस में ना रहकर बच्चों के साथ रहा जाए और यहां हॉस्टल की व्यवस्थाओं का आंकलन किया जाए।”