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राजस्व अधिकारी ने स्वयं को बचाने के लिए ग्रामीण पर 420 और अन्य धाराओं के तहत करवाया FIR दर्ज


बलरामपुर जिले के बसंतपुर निवासी सीताराम अग्रवाल और श्याम अग्रवाल अवधेश कुशवाहा अन्य के द्वारा थाना बसंतपुर के द्वारा पुलिस अधीक्षक बलरामपुर  को लिखित शिकायत दिया गया है कि बसंतपुर स्थित खसरा नंबर 611 रकबा 0.15 हेक्टेयर भूमि शासकीय भूमि जिसका बसंतपुर निवासी पवन अग्रवाल एवं सरवन अग्रवाल  के द्वारा बनवा लिया गया है इसके बाद भू अभिलेखागार बलरामपुर से प्राप्त दस्तावेज का अवलोकन किया गया तो उसमें पाया गया कि दो आदेश एक ही दिनांक 27 /08/ 2021 को दो आदेश पारित किया गया जिसमें पहले आदेश में भूमि सुधार योग नहीं है तो वहीं दूसरी आदेश में फिर से तहसीलदार द्वारा सुधार योग भूमि का आदेश पारित किया जाता है।

ग्राम पंचायत बसंतपुर में खसरा नंबर 611 लगभग 0.15 हेक्टेयर भूमिका आदेश दिनांक 18 /10 /2022 को वाड्रफनगर के तत्कालीन तहसीलदार सुरेंद्र पैकरा ने 1 वर्ष बाद बसंतपुर हल्का पटवारी को रिकार्ड दुरुस्त करने का आदेश दिया आदेश के तहत बसंतपुर हल्का पटवारी के द्वारा बसंतपुर निवासी पवन अग्रवाल एवं सरवन अग्रवाल का नाम पर दर्ज किया गया इससे स्पष्ट होता है की राजस्व अधिकारी अपने आप को बचाने के लिए ग्रामीण के ऊपर 420 एवं अन्य धारा के तहत को पवन अग्रवाल को तत्काल गिरफ्तार का जेल भेज दिया जाता है ।


वहीं अब आगे देखने वाली बात होगी कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों और नियम कानून को ताक पर रख कर काम करने वाले और अपने आप को भगवान समझने वाले अधिकारियों पर क्या कार्रवाई होती है आने वाले समय में पता चलेगा


वही तहसीलदार ने अपने बयान में कहा है कि सरवन अग्रवाल एवं पवन अग्रवाल के द्वारा रिकॉर्ड में छेड़छाड़ किया गया है जबकि सारे दस्तावेज तहसीलदार और उच्च अधिकारियों के नेतृत्व में रखे जाते हैं और उच्च अधिकारियों के निर्देश पर ही सभी दस्तावेज बाहर निकल जाते हैं और देखे जाते हैं फिर आम पब्लिक इन के साथ में कैसे छेड़छाड़ कर सकता है यह तो वहीबात होगई अंधे को सुरमा लगाने जैसी कहावत सिद्ध होती है क्योंकि अधिकारियों के अधिकारियों के अलावा कोई और भी उन दस्तावेजों के साथ में छेड़छाड़ नहीं कर सकता है।



इसी तरीके का मामला रामानुजगंज में भी है और अधिकारी कर्मचारियों के मिली भगत से भू माफिया शहर के वन भूमि के रकबो की फर्जी पट्टे दिखाकर  रजिस्ट्री करवाए जा रहे हैं
कुछ वर्ष पूर्व में ही रामानुजगंज में फर्जी तरीके से रजिस्ट्री वन भूमि के पत्ते बनाने के मामले चर्चा में थे और तत्कालीन कलेक्टर ने इसमें जाट टीम भी गठित किया था लेकिन जहां टीम के द्वारा क्या जांच की गई वह ठंडा बस्ती में पड़े हुए वहीं तत्कालीन प्रभारी अधिकारियों पर किसी भी प्रकार की कोई भी कार्रवाई नहीं की गई जिससे साफ जाहिर होता है कि तत्कालीन अधिकारियों में मिली भगत थी

जिले में भूस्वामी अपनी पुश्तैनी जमीनों को बचाने के लिए अपने प्लाटों में बोर्ड लगाकर लोगों को ऐसे भू माफिया से बचने के लिए नोटिस लगाया हुआ है

आप इस बोर्ड को देखकर समझ सकते हैं कि रामानुजगंज क्षेत्र में किस तरीके से भूमिया सक्रिय हैं लोग इतने भयभीत है कि अपनी जमीनों में बोर्ड लगाने पर विवश हो गए हैं

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