“बलरामपुर में बेलगाम रफ्तार का कहर: प्रशासनिक उदासीनता ने ली युवक की जान, सहमे लोग”
यातायात विभाग की उदासीनता के कारण बेलगाम रफ्तार ने ली फिर एक युवक की जान, सहमे जिलेवासी
बलरामपुर जिले मेें यातायात विभाग की उदासीनता के कारण लोगों की जान 24 घंटे खतरे में पड़ी रहती है। यहां न तो गाड़ियों के रफ्तार की कोई सीमा है और न तो चलाने वालों के लिए कोई नियम। इसका दुष्परिणाम यह हुआ कि रविवार को रामानुजगंज के रिंग रोड में बैठे हुए युवक को तेज रफ्तार से जा रहे स्कार्पियों ने रौंदकर मार डाला। इस बात को लेकर लोगों में आश्चर्य नहीं बल्कि क्षोभ का वातावरण व्याप्त है।
हजारों स्कूली बच्चे गुजरते हैं रोज
जिला मुख्यालय के मुख्य मार्ग के किनारे बाजार, बस स्टैण्ड, अन्य शासकीय कार्यालयों के साथ स्कूल, हाई स्कूल, हायर सेकण्डरी स्कूल, कन्या स्कूल, महाविद्यालय जैसी संस्थाएं आबाद हैं, जिनमें हजारों छात्र अध्ययनरत हैं। ये सभी बच्चे सुबह से शुरू होकर शाम तक इसी मार्ग से गुजरते हैं, किन्तु उस वक्त भी यहां से बेलगाम रफ्तार से गुजरने वाली वाहनों को नियंत्रित करने जैसी कोई कार्यवाही यातायात पुलिस प्रशासन द्वारा नहीं की जाती है। जबकि यहां के यातायात की अनुशासनहीनता को देखकर अभिभावकगण सहमे रहते हैं।
उल्लेखनीय है कि यही हाल बलरामपुर जिला मुख्यालय का है। यह जिला मुख्यालय लगभग पन्द्रह हजार की आबादी वाला एक नया-नया बसता हुआ शहर है और इस शहर के लिए एक मात्र सड़क है जो इस नगर को गौरवपथ की गर भी प्रदान कर रहा है और यही राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 343 भी है।
।इसके अलावा यही यहां का आम रहगुजर भी है, इसके अलावा इस शहर के लिए सड़क के नाम पर कोई पगडंडी भी नहीं है, जिससे होकर लोेग शहर के बाहर से गुजर सकें।
शाम को सड़क हो जाती है शराबी चालकों के हवाले
इस सड़क सेे होकर दिन-रात सैकड़ो छोटी-बड़ी गाड़ियां, यात्री बसें, 18-20-22 चक्के वाले बड़े-बड़े भारी वाहन वजनी सामान, गिट्टी, क्लींकर आदि लेकर तेज रफ्तार से धूल, धूआं उड़ाते हुए पुलिस अधीक्षक कार्यालय व सिटी कोतवाली के सामने से बेपरवाह होकर गुजर जाते हैं जैसे उनके लिए पुलिस व यातायात कानूनों का कोई अस्तित्व ही नहीं है।
तेज रफ्तार से कई बार टूट चुके हे डिवाइडर। इस मुख्य सड़क पर कहने को तो नगर पालिका ने गौरवपथ की दृष्टि से पूरे नगर में खूबसूरत डिवाईडर का निर्माण करवा दिया है किन्तु तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में आकर यह डिवाइडर कई बार कई जगहों से टूट चुका है।
नहीं है कोई यातायात नियम का पालनकर्ता
इस जिले में यातायात नियमों का जिस प्रकार सेे घोर उल्लंघन हो रहा है और इसके परिपालन में जिम्मेदार कर्मचारी अधिकारी जिस उदासीनता का परिचय दे रहे हैं। यह उदाहरण सर्वथा दुर्लभ होगा। कल की शाम एक स्कार्पियों चालक ने रामानुुजगंज नगर में घर के पास बैठे व्यक्ति को रौंदकर लगभग 500 मीटर घसीटते भागा। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि चालक बहुत ही बेतरतीब और तेज रफ्तार से वाहन को चला रहा था। जिसके कारण एक घर का चिराग बूझ गया। जिले में कई ऐसे सवारी ढोने के वहां है जो बगैर फिटनेस और इंश्योरेंस के संचालित हो रहे हैं जिस पर यातायात का कोई भी अंकुश नहीं लग पाया रहा है। जिले में यातायात के प्रति लोेगों को जागरूक करने की जरूरत है।
रामानुजगंज मेें तेज रफ्तार ने घर के सामने बैठे युवक की ली जान
यहां के रिंग रोड वार्ड क्रमांक 03 में रविवार शाम लगभग 6 बजे तेज रफ्तार स्कॉर्पियो वाहन की टक्कर से सड़क किनारे बैठे 38 वर्षीय युवक की मौके पर ही मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस टीम घटना स्थल पर पहुंची और शव को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भेज दिया गया।प्राप्त जानकारी के अनुसार रिंग रोड में सड़क किनारे बैठे 38 वर्षीय बिहारी लाल अहिरवार को स्कार्पियो वाहन क्रमांक जेएच 01 एफक्यू 6238 के चालक द्वारा इनके ऊपर चढ़ाते हुए वाहन छोड़ कर भाग गया। इस दर्दनाक घटना में युवक की मौत घटना स्थल पर ही हो गयी। मृतक बिहारी लाल अहिरवार अपने रिश्तेदार के घर पर ही रहता था और राज मिस्त्री का काम कर अपने परिवार का गुजारा करता था। बिहारी लाल के दो बेटियां और एक बेटा था। बिहारी लाल की मौत हो जाने से परिवार के सभी सदस्यों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है। टक्कर मारने के बाद चालक द्वारा स्कॉर्पियो वाहन को वार्ड क्रमांक 01 में सड़क पर ही छोड़कर भाग गया। रामानुजगंज पुलिस के द्वारा वाहन को थाने में लाकर खड़ा किया गया है। मामले में पुलिस के द्वारा अपराध कायम कर आगे की कार्यवाही की जा रही है।
यातायत का 1 वर्ष से अतिरिक्त प्रभार पर है रक्षित निरक्षित
बता दें कि बीते 1 वर्ष से एक ही नगर निरीक्षक रक्षित केंद्र और यातायात विभाग का दायित्व निभा रहे हैं.दो पदों का जिम्मेदारी संभालने के कारण यह नगर निरीक्षक जिला मुख्यालय की यातायात व्यवस्था को सुधारने में अक्षम साबित हो रहे हैं. समय-समय पर लोगों द्वारा उनके दो प्रभार की आलोचना की जा रही है, 1 वर्ष पूर्व दिया गया था अतिरिक्त प्रभार, मगर पुलिस प्रशासन द्वारा उनके एक प्रभार को समाप्त करने में कोई रुचि नहीं दिखाई जा रही है.