khabar30 डेक्श भारत में वाहन एक्ट के तहत दोपहिया वाहनों की खरीद पर ग्राहकों को हेलमेट देना अनिवार्य किया गया है. केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम व राज्य नियमों के अनुसार सभी वाहन डीलर को नया वाहन खरीदने के साथ ही ग्राहक को हेलमेट फ्री में देना है. केंद्रीय मोटर वाहन नियमाली के 138 एफ के तहत डीलर्स को दोपहिया वाहन की बिक्री पर खरीदार को भारतीय मानक ब्यूरो के मानक वाला हेलमेट (आइएसआइ) मुहैया करना है. साथ ही डीलर को वाहन ग्राहक को हेलमेट देने का प्रमाण भी पेश करना होता
जिसको डालते ही हेलमेट कंपनी के निर्माता का नाम, उसका बैच नंबर और कंपनी की पूरी डिटेल मिल जाती हैक्या आपको पता है कि जब आप टू-व्हीलर खरीदने के लिए कंपनी के शोरूम पर जाते हैं, जो नई गाड़ी खरीदने के साथ ही आपको डीलर की तरफ से मुफ्त हेलमेट मिलता है। लेकिन डीलर फर्जीवाड़ा करते हुए ग्राहक को या तो हेलमेट देते नहीं है, या फिर नकली हेलमेट पकड़ा देते हैं। वहीं अब सरकार वाहन सॉफ्टवेयर में बदलाव करने जा रही है, जिसके बाद हेलमेट का नंबर डालने के बाद ही वाहन का रजिस्ट्रेशन हो सकेगा।
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हेलमेट के बिना नहीं बेच सकते दोपहिया वाहन
केंद्रीय मोटरवाहन नियमावली 1989 के नियम 138 एफ के तहत डीलर्स को दोपहिया वाहन की बिक्री पर खरीदार को आईएसआई मानक वाला हेलमेट मुहैया कराना होगा। साथ ही डीलर को वाहन खरीदने वाले को हेलमेट देने का सबूत भी पेश करना पड़ेगा। नियमों के तहत हेलमेट के बिना दोपहिया वाहनों को बेचा नहीं जा सकता है, साथ ही डीलर्स को वाहन की डिलिवरी देते समय आईएसआई मार्क वाला हेलमेट देना जरूरी है। असल में सड़क परिवहन मंत्रालय की तरफ से सभी राज्यों को सड़क हादसों में कमी लाने के निर्देश जारी किए गए हैं, जिसके तहत प्रति वर्ष सड़क हादसों के आंकड़ों में कमी लाने की कोशिश की जाएगी।
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दे रहे थे नकली या पुराना हेलमेट
लेकिन दोपहिया वाहन डीलर नियमों की अनदेखी करके इसमें फर्जीवाड़ा कर रहे थे। लेकिन डीलर नए वाहन के साथ या तो हेलमेट दे नहीं रहे थे, या फिर मुफ्त में देने की बजाय इसके बदले पैसे वसूल रहे थे। वहीं कुछ डीलर खानापूर्ती करते हुए नए वाहन के साथ ग्राहकों को पुराने हेलमेट भी पकड़ा रहे थे, तो कुछ नकली यानी बिना ISI मार्क वाला हेलमेट उपलब्ध करा रहे थे।
हेलमेट का फर्जी नंबर लिख कर रहे थे फर्जीवाड़ा
नियमों के मुताबिक हेलमेट मुफ्त में देने के बाद ही वाहन के रजिस्ट्रेशन करने का आदेश है। लेकिन डीलर हेलमेट का फर्जी नंबर लिख कर वाहन का रजिस्ट्रेशन करा लेते थे। लेकिन लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों को आदेश दिया है हेलमेट नंबर के जरिए ऑनलाइन जांच करने के बाद ही वाहन का रजिस्ट्रेशन का जा सकेगा। इसके लिए सरकार ने वाहन-4 सॉफ्टवेयर में हेलमेट नंबर का विकल्प अपडेट किया जा रहा है।
अब डालना होगा असली नंबर
जिसके बाद डीलर को सॉफ्टवेयर में हेलमेट का नंबर डालना होगा, जिसके डालते ही हेलमेट कंपनी के निर्माता का नाम, उसका बैच नंबर और कंपनी की पूरी डिटेल सॉफ्टवेयर पर आ जाएगी। वहीं जांच अधिकारी की तरफ से गुणवत्ता की जांच करने के बाद वाहन के रजिस्ट्रेशन को हरी झंडी मिलेगी। वहीं अगर कोई गड़बड़ी मिलती है तो डीलर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले हेलमेट मुफ्त देने को लेकर सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटो मोबाइल मैन्यूफैक्चर्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया थी। इसके बाद से डीलरों को दोपहिया वाहन के साथ हेलमेट मुहैया कराना अनिवार्य हो गया है।