बलरामपुररामानुजगंज

राष्ट्रीय राजमार्ग 343 पर गड्ढे भरे कौन, सभी अधिकारी मौन। राष्ट्रीय राजमार्ग में हो रहे मौतों का जिम्मेदार कौन

छत्तीसगढ़ को झारखंड से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 343 का हाल पूरी तरह से बेहाल हो चुका है. रामानुजगंज से लेकर बलरामपुर तक जगह जगह सैंकड़ों की संख्या में बड़े-बड़े गड्ढे निर्मित हो गए हैं जो आए दिन हादसे का कारण बन रहे हैं साथ ही प्रतिदिन आवाजाही करने वाले आम जनों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन इसके बावजूद जिम्मेदार विभाग के अधिकारी इस विषय पर ध्यान नहीं दे रहे हैं इससे आम जनता त्रस्त हो चुकी है.

मरम्मत के बाद एक साल भी नहीं चल सकी सड़क

आम जनता के टैक्स से लाखों रुपए खर्च कर मरम्मत के बाद एक साल भी नहीं चल सकी सड़क, लगातार हो रही दुर्घटना, आज हालात यह हैं कि वर्षा के समय तो दोपहिया वाहन चालकों को इन गड्ढों में पानी भरने से पता ही नहीं चलता कि सड़क है या गड्ढा। इससे दुर्घटनाएं होना आम बात हो गई है।

प्राथमिक शाला के शिक्षक एन एच के गड्ढे में गिरने से हुई मौत

दैनिक दिनचर्या अनुसार शिक्षक ईशान कुजुर 20/09/22को अपने विद्यालय पुरुषोत्तमपुर को जा रहे थे कि New Era public school के आगे के गड्ढे में अचानक उनकी दोपहिया गाड़ी जा टकराई और वह वहीं पर गिर गए उनके सर में गंभीर चोटें आई आनन-फानन में संजीवनी हॉस्पिटल रामानुजगंज लाया गया जहां प्राथमिक उपचार के बाद परिजनों के द्वारा बेहतर इलाज के लिए बनारस उत्तर प्रदेश ले जाया जा रहा था कि रास्ते में हूं ईशान कुजुर ने अपना दम तोड़ दिया और अपने पीछे भरा पूरा परिवार आज की इस तरीके की मौत का जिम्मेदार कौन जिस रोड सेफ्टी के नाम पर छोटी-छोटी गलतियों पर हजार हजार रुपए का चालान काटते हैं क्या उनकी जवाबदेही इन रोडो की नहीं है राष्ट्रीय राजमार्ग केंद्र सरकार के अधीनस्थ आती है क्या केंद्र सरकार केवल भारी भरकम चालान लेने में ही माहीर है या उसके बारे में भी सोचना होता है जिस एनएच के लिए भारी-भरकम चालान और लोगों के टैक्स के पैसे लगाए जाते हैं क्या सिर्फ केन्द्र सरकार चलान और टैक्स लेना जानती है सवाल फिर भी वही छूट जाता है आगे इस तरीके की मौत का जिम्मेदार कौन अधिकारी कर्मचारी या राजनेता ?

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