सत्याग्रही रघुनाथ गोड़ के पुत्र ने जेल में ही अपने पिता की हत्या की साजिश की जताई आशंका, प्रशासन ने बिना शर्त जेल से की रिहा,रिहा होते रघुनाथ गोंड बैठे अनशन में,11 सितंबर को आत्मदाह की दी है चेतावनी…
मनेन्द्रगढ़। आदिवासी की भूमि हड़पने अपनी पैतृक भूमि राजस्व अधिकारियों की मिली भगत से गैर आदिवासी के परिवार द्वारा कूटरचित दस्तावेजों की जालसाजी से हड़पने के विरोध में न्याय की मांग के लिये मौन सत्याग्रह आमरण अनशन करते हुए आत्मदाह की सूचना मुख्यमंत्री से लेकर राजस्व एवं पुलिस प्रशासन को देकर सत्याग्रह कर रहे रघुनाथ सिंह गोड़ के पुत्र अर्जुन सिंह ने बताया कि दिनांक 08.09.2022 को उसके पिता को दोपहर 1.40 पर पुलिस गिरफ्तार कर ली है। अब उसके पिता रघुनाथ सिंह गोंड़ अपने निर्धारित घोषणा के अनुसार दिनांक 09.09.2022 से जेल में बंद रहते हुए आमरण अनशन कर रहे है और अनशन स्थल पर दिनांक 09.09.2022 को उनके समर्थन में रायसिंह एवं उदय सिंह 24 घटें की भूख हड़ताल पर बैठे रहे। इसी क्रम में दिनांक 10.09.2022 को रामरतन सिंह एवं करन सिंह 24 घटें की भूख हड़ताल में रघुनाथ सिंह के समर्थन में बैठे है। अर्जुन सिंह ने बताया उसके पिता द्वारा न्याय की मांग को लेकर सत्याग्रह किया जा रहा है। जिसमें स्थानीय प्रशासन ने दमनात्मक कार्यवाही करते हुए गिरफ्तार कर जबरन जेल भेजा गया है। जबकि उसके पिता मौन सत्याग्रह के तहत किसी नारेबाजी के बिना शांतिपूर्वक धरने पर बैठे थे। इस घटना से ऐसा प्रतीत होता है कि भूमि हडपने वालों के इशारे पर प्रशासन द्वारा मेरे पिता को किसी साजिस के तहत जेल भेजा गया है। जहां पर उनकी हत्या का षड़यंत्र भी हो सकता है। विधि के शासन मे न्याय मांगने का प्रत्येक नागरिक संवैधानिक अधिकार है। किन्तु यदि मनेन्द्रगढ़ के स्थानीय प्रशासन की नजर में न्याय मांगना अपराध है। तो मेरे पिता और हमारा परिवार इस अपराध की सजा भोगने को तैयार है। मेरे पिता ने मुस्से कहा है कि उन्होनें कोई अपराध नही किया है। इसलिये वह जमानत मे भी नही छूटना चाहते है और वह किसी दमनात्मक तानासाही के सामने नही झुकेगें। अर्जुन सिंह यह भी बताया की वह अपने सत्याग्रही पिता को अनशन के दौरान नीबू पानी पीने के लिए नीबू देने जेल में गया था। किन्तु जेल प्रशासन द्वारा उसके पिता तक नीबू पहुचाने से भी इंकार कर वापस लौटा दिया गया। इस स्थिति में अगर मेरे स्वस्थ पिता के साथ जेल में कोई भी घटना-दुर्घटना होती है तो उसके लिए प्रत्यक्ष रूप से अन्यायी स्थानीय प्रशासन और जेल प्रशासन जिम्मेदार होगा।
वहीं रघुनाथ सिंह के पूर्वजो की जमीन हड़पने की धोखाधड़ी एवं जालसाजी की साक्ष्य की खोजबीन करने वाले आर.टी.आई. कार्यकर्ता लोकप्रहरी रमाषंकर गुप्ता से संपर्क करने पर उन्होने कहा कि नवगठित जिले के न्यायाप्रिय कलेक्टर पी.एस.ध्रुव एवं पुलिस अधीक्षक टी.आर. कोषिमा जी से अपेक्षा है कि वह एक आदिवासी के साथ हुये जालसाजी एवं धोखधडी से हुए जमीन की लूट के इस प्रकरण में त्वरित पहल कर नवीन जिला मनेन्द्रगढ चिरमिरी भरतपुर के गठन के सार्थकता स्थापित कर आदर्श जिले की परिकल्पना को साकार करने महती भूमिका निभा सकते है। ताकि आम नागरिक के मन में विधि के शासन के प्रति आस्था और विष्वास दृढ़ हो। गुप्ता ने कहा कि यदि प्रशासन की न्याय करने की इच्छाशक्ति हो तो वह इस प्रकरण की जालसाजी एवं कूटरचना के अपराध को शासकीय अभिलेखो में दर्ज प्रविष्टियों से असंदिग्ध रूप से सिंद्व करने को तैयार है। जिससे प्रशासन को त्वरित कार्यवाही करने और न्यायायिक निष्कर्ष में पहुचने मे सहयोग कर नवगठित जिले को आदर्श जिले के रूप में स्थापना भी मेरा लक्ष्य है।
वहीं मामले में तब नया मोड़ आया. जब शनिवार शाम होते-होते जेल प्रशासन ने बिना शर्त रघुनाथ सिंह गोड को जेल से रिहा कर दिया गया। और जेल से रिहा होने के बाद रघुनाथ सिंह गोंड एक बार फिर से उसी स्थान पर अनशन में बैठ गए हैं. अब देखना होगा कि चेतावनी के मुताबिक 11 सितंबर को रघुनाथ सिंह गोड क्या करते हैं। या एक बार फिर से स्थानीय प्रशासन गिरफ्तार करती है या फिर न्याय का आस्वासन मिलता।