राजपुर। धान खरीदी केंद्र में किसानों के द्वारा टोकन काटे जाने के बाद धान खरीदी नहीं होने की शिकायत मिलने पर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुनील सिंह जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री जितेंद्र गुप्ता व किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राम बिहारी यादव को शिकायत मिलने पर धान खरीदी केंद्र राजपुर पहुंचकर किसानों की समस्याओं से अवगत हुए। इस संबंध में जब नोडल अधिकारी तहसीलदार सुरेश राय से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि किसानों की समस्या को दूर करने के लिए ही ऐसी व्यवस्था की गई है। कई किसानों को पूर्व में ही सूचना देकर मना किया गया है ताकि वे खरीदी केंद्र में धान न लाए और उनकी तिथि आगे बढ़ा दी जाएगी, परंतु सूचना के बावजूद जो किसान धान लेकर आ गए हैं उनके लाए गए पूरे धान की खरीदी कूपन अनुसार कर ली जाएगी। हमारी कोशिश है कि पहले छोटे किसानों को प्राथमिकता देकर उनके धान की खरीदी कर ली जाए और बड़े किसानों का धान उसके बाद आने वाले दिनों में खरीदी कर ली जाएगी।
जिन किसानों के कूपन कट गए हैं उनसे कम धान खरीदी करने के संबंध में सुनील सिंह ने कहा कि आप उतना ही कूपन काटे या उतने ही किसानों को कुपन लेने बुलाएं जितनी कुपन कट सके, किसानों को किसी प्रकार की असुविधा ना हो अन्यथा किसानों को आने-जाने में आर्थिक दिक्कत तो होगी ही इसके अलावा उन्हें समय भी बर्बाद करना पड़ेगा। जितने किसानों का कूपन काटा जाना है उससे कुछ कम ही किसान बुलाएं ताकि इत्मीनान से धान की खरीदी हो और किसान भी परेशान ना हो। नोडल अधिकारी द्वारा कहा गया कि धान खरीदी के लिए कूपन जारी करने का काम अब दूसरी पाली में किया जाएगा और सुबह पहली पाली में सिर्फ किसानों के धान खरीदने और उसे व्यवस्थित करने का काम होगा कुछ ज्यादा कूपन कट जाने के कारण आज दिक्कत हुई है जिसे किसानों के सहयोग से ही दुरुस्त किया गया।
उपस्थित कृषकों को अध्यक्ष ने आश्वस्त किया कि सरकार सबका धान खरीदेगी किसी प्रकार के भय या किसी के बहकावे में आने की जरूरत नहीं है।
ब्लॉक कांग्रेस के अध्यक्ष ने अपील की है कि किसान भाई-बहन धान बिक्री के लिए किसी तरह की कोई हड़बड़ी न दिखाएं हर किसान के धान का जिनका पंजीयन हो गया है सरकार खरीदी करेगी इसीलिए हर स्तर पर पारदर्शिता रखी गई है।
आगे उन्होंने कहा कि बिचौलियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होनी तय है पर किसानों के लिए किसी भी प्रकार का कोई दिक्कत नहीं होगी।