बलरामपुर

महाविद्यालय राजपुर में छात्र छात्राओं को दी गई विधिक जानकारी, विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष भी हुए शामिल…

राजपुर न्यूज़ डेस्क-आजादी का अमृत महोत्सव,राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में जिले भर में चल रही विधिक साक्षरता की श्रृंखला है,अभियान के दौरान राजपुर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिराजुद्दीन कुरैशी ने स्थानीय नवीन महाविद्यालय राजपुर में छात्र-छात्राओं को कानूनों की जानकारी देते हुए कहा कि यह अभियान कानून की बारीकियों से परिचित कराने के लिए चलाया जा रहा है अभियान के दौरान उपस्थित छात्र छात्राओं को मोटिवेट करते हुए जिला न्यायाधीश ने उदाहरण देते हुए कहा की समुद्र के किनारे एक बार दादा और पोते टहल रहे थे समुद्र में उठने वाली लहरों से बार-बार मछलियां बाहर आ जाती थी जिन्हें देखकर पोता उठा-उठा कर मछलियों को समुद्र में फिर से डाल देता था काफी देर तक दादा अपने पोते के इस काम को देखता रहा और कहा कि इससे क्या फर्क पड़ता है, पर पोता अपने काम में लीन रहा अपना काम निरंतर करता रहा, और फिर उसने जवाब दिया कि बहुत फर्क पड़ता है अगर मैं दो-चार लोगों का भी जान बचा सकूं या किसी के काम आ सकूं तो इससे बहुत फर्क पड़ता है ।

ठीक उसी तरह से विधिक साक्षरता में कानूनों की जानकारी देने का जो काम है उससे आप जैसे छात्र-छात्राओं के माध्यम से जो बातें लोगों तक पहुंच रही है इससे काफी फर्क पड़ता है लोगों को यह विषय काफी उबाऊ लगता है लोग इसमें अपनी रुचि नहीं रखते हैं परंतु जब लोग शिक्षित होंगे तो समाज में बढ़ती असमानता दूर किया जा सकेगा ,समाज में व्यापक बदलाव होगा इसके अलावा इस तरह के बदलाव से आपके आसपास भी कई चीजें बदलती हुई दिखेंगी।


समाज में बढ़ती अपराधों के संबंध में चर्चा करते हुए न्यायाधीश ने कहा कि जो परिस्थितियां वर्तमान में बनी है उनमें सुधार तभी आएगा जब हम आसपास की चीजों को सुधारने की कोशिश करेंगे। आगे उन्होंने कहा कि हमें अपने अपने दायित्व कर्तव्यों का सदैव बोध होना चाहिए यदि हम अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करते हैं तो बेहतर समाज और बेहतर राष्ट्र की कल्पना अधूरी रह जाएगी।
बालकों के लैंगिक उत्पीड़न से संरक्षण अधिनियम के संबंध में उन्होंने बताते हुए कहा कि अपने आसपास हो रही किसी भी प्रकार की अनैतिक गतिविधियों के बारे में लोगों को बताएं अन्यथा उनके खामियाजे भी आपको भुगतने पड़ेंगे। महिलाओं व बालिकाओं को लगातार घूरना भी दंडनीय अपराध है, गंभीर मामलों में फांसी तक की सजा का प्रावधान है परंतु अपराध ना हो इसके लिए सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता है समाज में नागरिकों के बीच सौहार्दपूर्ण वातावरण बना रहे इस बात के लिए उनके बीच जागरूकता काफी जरूरी है अशिक्षा निर्धनता की वजह से कई बार कई अपराध होते हैं।


आजादी का अमृत महोत्सव,पैनइंडिया अवेयरनेस एंड आउटरीच अभियान व राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ग्राम पंचायत व दूर बसाहट के गांव तक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विधिक साक्षरता शिविर 2 अक्टूबर 2021 से 14 नवंबर 2021 तक आयोजित की जा रही है, विधिक साक्षरता के इन शिविरों में अधिक से अधिक संख्या में लोग जानकारी प्राप्त करें, और जानकारियों को दूसरों तक शेयर करें विधिक समस्याओं के संबंध में अपनी बातें रखें और उनके निपटारे के लिए भी विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा नामित अधिवक्ताओं की मदद लें। इस अवसर पर आभार प्रदर्शन महाविद्यालय के प्राचार्य श्री गर्ग ने किया।अनुभाग अधिकारी राजस्व व अन्य प्रशासनिक अधिकारी के अलावा अधिवक्ता संघ राजपुर के सचिव सुनील सिंह, अधिवक्ता उमेश झा जितेंद्र गुप्ता, पुलिस के अधिकारी व कर्मचारी भी मौजूद रहे, शिविर का संचालन अधिवक्ता सुनील सिंह ने किया।

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