बलरामपुर। जिला मुख्यालय बलरामपुर में बिहान द्वारा हमर चौपाटी के तहत स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को उनके पारंपरिक कौशल व रूचि के आधार पर आजीविका से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, वर्तमान में 06 अलग-अलग स्व-सहायता समूह की महिला उद्यमियों द्वारा खाद्य व्यंजनों की दुकानें संचालित की जा रही है, जिसके माध्यम से उन्हें 20-25 हजार रूपये की आर्थिक आमदनी हो रही है।
गौरतलब है कि बिहान द्वारा संचालित हमर चौपाटी जिले में लैण्डमार्क के रूप में अपनी पहचान बन चुका है, जिला मुख्यालय बलरामपुर से लगे राष्ट्रीय राजमार्ग 343 में स्थित ग्राम अधौरा में हमर चौपाटी स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ अपनी सौंदर्यता और साफ-सफाई के लिए स्थानीय ग्राहकों के बीच हॉट डेस्टिनेशन बन चुका है। जहां महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा ऋतु गढ़कलेवा, रानी लक्ष्मी फास्ट फूड, सांडिल्य डोसा, समृद्ध बेकर्स एण्ड जूस कार्नर, याराना पाव भाजी, रॉयल चिकन बिरयानी की दुकानों का संचालन किया जा रहा है, जिसके माध्यम से ग्रामीण उद्यमी जो पहले गांव में घूम-घूम कर ठेला और हाट-बाजारों में दुकान लगाकर अपनी आजीविका चला रहे थे, ऐसे लोगों को उनकी रुचि के आधार पर प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता के साथ समुचित स्थान दिलाने का कार्य बिहान के माध्यम से किया गया है।
आम महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य बताती है कि पहले वह ग्राम जरहाडीह हाईस्कूल में ठेले के माध्यम से फुल्की और चाट बेचकर जीविकोपार्जन किया करते थे, लेकिन बिहान से जुड़ने के बाद उनके जीवन मे एक नया बदलाव आया, और उन्हें चौपाटी में एक स्थायी स्वरोजगार मिला, यहां वे चाट व फुल्की का दुकान संचालित कर प्रतिमाह 25 से 30 हजार रुपये का आय अर्जित कर रहीं हैं। इसी प्रकार जीवन पालन महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य बताती हैं, कि उन्होंने स्व-सहायता से जुडकर निजी व्यवसाय के लिए समूह से 20 हजार का लोन लिया था, जिसके बाद ग्राम डौरा में चिला और डोसा की दुकान का संचालन शुरू किया, इसी दौरान उन्होंने बलरामपुर में बिहान द्वारा आयोजित मेलें में हिस्सा लेते हुये चिला, डोसा, इडली का स्टॉल लगाया था। उन्होंने बताया की मेला में आये अधिकारियों ने उनके व्यंजनों को चखा और स्वाद की प्रशंसा करते हुए, उन्हें समुचित स्थान दिलाने का आश्वासन दिया था। वही बिहान मेले से चुने हुए कुल 15 उद्यमियों को कुटुम्ब श्री केरल के माध्यम से 06 दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया, तत्पश्चात तत्कालीन कलेक्टर द्वारा मूल्यांकन कर 06 उद्यमियों को हमर चौपाटी में दुकान संचालित करने के लिए स्थान देकर स्वरोजगार का अवसर प्रदान किया गया।