जिला विधिक सेवा प्राधिकरण विश्वएड्स दिवस के अवसर में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन
सिराजुद्दीन कुरैशी, जिला न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बलरामपुर स्थान -रामानुजगंज की अध्यक्षता में सेंट मैरी स्कूल पुरानडीह, रामानुजगंज में विश्व एड्स दिवस के अवसर पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। विधिक साक्षरता शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में माननीय सिराजुद्दीन कुरैशी जी थे। इसके अतिरिक्त पंकज आलोक तिर्की, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रेशमा बैरागी, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, स्कूल के समस्त स्टॉफ एवं छात्र-छात्राएँ उपस्थित थे।
विधिक साक्षरता शिविर में सिराजुद्दीन कुरैशी जी ने उपस्थित समस्त छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुये कहा कि साक्षरता प्रत्येक मनुष्य के जीवन का महत्वपूर्ण अंग है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में चाहे वह नौकरी हो वा जीवन यापन करना हर जगह शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका है एक अशिक्षित व्यक्ति का जीवन काफी कठिन होता है, क्योंकि वह व्यक्ति पढ़ लिख नहीं सकता, वह किताबों में संचित ज्ञान के भंडार से अछूता रह जाता है। ऐसे व्यक्ति को अपने अधिकारों का ज्ञान नहीं होता है और वह तमाम कार्यों के लिए दूसरों पर निर्भर रहता है। शिक्षा के अंतर्गत ही कानूनी शिक्षा भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। व्यक्ति को अपने कानूनी अधिकार के बारे में मूलभूत जानकारी होना जरुरी है, क्योंकि इससे ये बहुत से परेशानियों से बच सकते है। इस जिले के समस्त न्यायिक अधिकारियों द्वारा कानूनी साक्षरता फैलाने के लिए समय-समय पर इसी प्रकार के विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन कर लोगों को कानून के बारे में बताया जा रहा है। यह प्रयास वर्तमान में काफी न्यून प्रतीत हो सकता है, किंतु भविष्य में इसका काफी व्यापक प्रभाव पड़ सकता है।
उपस्थित विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ समसामयिक घटनाक्रम से भी अपडेट रहने हेतु प्रेरित किया। उन्होनें कहा कि जो इंसान समय के साथ खुद को समायोजित करने में सक्षम होता है, उसके जीवन में अधिक सफल होने की प्रायिकता बढ़ जाती है। इसलिए शिक्षा के साथ-साथ समसामयिक घटनाक्रम से भी अपडेट रहने की आवश्यकता है क्योंकि जो इंसान समसामयिक घटनाक्रम से रुबरु रहता है, वह समाज में निरंतर तरक्की करता रहता है। बाईबल की एक प्रचलित कहानी डेविड और गोलियथ के बारे में बताते हुए कहा कि इस कहानी को पढ़कर हमें पता चलता है कि सिर्फ शरीर बड़ा होने से कुछ नहीं होता और ना हि ज्यादा ताकतवर होने से फर्क इससे पड़ता है कि हम परेशानी के समय अपने दिमाग का सही तरीके से इस्तेमाल करते हैं या नहीं। परेशानियों को हल करने के लिए दिमाग से सोचना बहुत जरूरी है। समस्या बड़ी नहीं होती, बल्कि हमारा आत्मविश्वास और समझ बड़ा होता है।
विधिक साक्षरता शिविर में पंकज आलोक तिर्की ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए बाल विवाह के बारे में बताते हुए कहा कि, बाल विवाह एक सामाजिक कुप्रथा है जो लड़कियां कम उम्र में विवाहित हो जाती हैं उन्हें अक्सर गर्भधारण से जुड़ी स्वास्थय समस्याऐं होने की प्रबल संभावना होती है जब वे शारीरिक रूप से परिपक्व न हो, उस स्थिति में कम उड़न में लड़कियों का विवाह कराने से मातृत्व संबंधी एवं शिशु मृत्यु की संभावनाएँ अधिकतम हो जाती है।
मोटर व्हीकल एक्ट के बारे में बताते हुए कहा कि नया मोटर व्हीकल एक्ट के तहत प्रत्येक व्यक्ति को ट्रैफिक नियम को जानना अत्यंत आवश्यक है जिसमें से कुछ महत्वपूर्ण नियम निम्नानुसार है:- बगैर लाइसेंस के वाहन नहीं चलाना चाहिए. इस पर 5000 रुपये तक का जुर्माना का प्रावधान है। अयोग्य होने पर वाहन नहीं चलाना चाहिए. ओवरस्पीड में वाहन नहीं चलाना चाहिए इसके अंतर्गत 1000 से 2000 तक के जुर्माने का प्रावधान है। शराब पीकर वाहन नहीं चलाना चाहिए. क्षमता से अधिक यात्री नहीं बैठाना चाहिए. सीट बेल्ट लगाकर वाहन चलाना चाहिए. दो पहिया वाहन पर दो से अधिक लोगों को नहीं बिठाना चाहिए, एंबुलेंस आदि को रास्ता देना चाहिए. बगैर हेलमेट वाहन नहीं चलाना चाहिए. ट्रैफिक नियमों का पालन करना चाहिए।