छत्तीसगढ़बलरामपुररायपुर

आंगनवाड़ी में ताला बंद “थाली लेकर बंद ताले को निहारते नौनिहालों की सुने कोन?”

बलरामपुर – कुपोषण  मुक्त भारत बनाने के लिए सरकार ने महिला एवं बाल विकास विभाग की स्थापन की है , इस विभाग  का मुख्य उद्देश्य  है , महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य  के लिये तरह तरह की योजनाएं चलाना । जिसे विभाग कागजों में तो बखूबी  चला रहा है , लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है , सरकार की कागजी योजनाएं नौनिहालों की थाली से कोसों दूर है ।हम उस थाली की बात कर रहे हैं जो सरकार की नजर में खाली नही है। हम उस थाली की बात कर रहे हैं जो बोलती हैं। हम उस थाली की बात कर रहे है जो रोजाना लगाए ताले को ताकती हैं। हम उस थाली की बात कर रहे है जो कुपोषण को मिटाए। तो चलिए अब आपको थाली से परिचय कराए।


    दरअसल मामला बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर विकास खण्ड के ग्राम पंचायत सोनहत का है। इस ग्राम पंचायत के धौरा पारा में स्थित आंगनबाड़ी का, जहाँ पर बच्चों की दर्ज संख्या अच्छी  है। पर अच्छी नहीं है यहां की व्यवस्था।
  ग्रामीणों का आरोप हैं कि यहाँ कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आंगनबाड़ी में आती ही नहीं है। गाँव के बच्चे गर्म भोजन की आस लगाए थाली लेकर आंगनबाड़ी आते हैं और गर्म भोजन नहीं  मिलने पर थाली बजाते जाते हैं। क्योंकि आंगनबाड़ी केन्द्र के गेट का ताला ही नही खुलता। कभी खुल भी गया तो सरकार की ओर से पोषण देने वाली रेडी टू इट यहाँ तक नही पहुचता हैं। गर्म भोजन का भी कुछ ऐसा ही हाल है।


  यहाँ की एक महिला ने बताया कि बिते 12 माह से कुछ नहीं मिला है। जब वह गर्भवती थी तब भी वह आंगनबाड़ी पहुचती थी और प्रसव उपराँत भी बच्चे के साथ लेकिन रेडी टू इट के लिए उसे जवाब एक ही मिलता था कि अभी नहीं आया है।
    ग्रामीणों की माने तो यहाँ कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नही के बराबर अति हैं और सहायिका का भी यही हाल है। यहाँ की महिला की बात करे तो उसके उठाए गए सवाल पर पूरे अमले की कार्य शैली ही सवालों के घेरे में आ जाती हैं। अगर 12 महीनों से यहाँ की वेवस्था गड़बड़ है तो सुपरवाइजर की नजर में क्यो नही आया क्या सुपरवाइजर अपनी निगरानी में इस आंगनबाड़ी को नही रखी थी।
 
कुपोषण से जंग केंद्र सरकार व राज्य सरकार दोनों मिल कर लड़ रहे हैं और जिसके लिए बाकायदा राज्य और केंद्र दोनों को ही कई दस्तावेजो के जरिए जानकारी दी जाती हैं। तो क्या सारी जानकारी जो दी गई होगी वही फर्जी होगी।

Related Articles

Back to top button