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स्वाइन फ्लू से मौत के बाद हरकत में जिला प्रशासन, कलेक्टर के निर्देश पर घर पहुंचकर स्वाइन फ्लू मरीजों की कर रहे हैं पड़ताल…

कोरिया। बैकुंठपुर के पंडोपारा की रहने वाली एक महिला की स्वाइन फ्लू से मौत होने के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल है. महिला तबियत बिगड़ने के बाद बिलासपुर के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई है। स्वाइन फ्लू की बीमारी से मौत की पुष्टि के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और कलेक्टर चन्दन त्रिपाठी ने स्वास्थ्य केंद्रो के डॉक्टरों व अमले को निर्देश दिए हैं कि कहीं भी स्वाइन फ्लू की शिकायत या लक्षण देखने, सुनने या जानकारी मिलने पर तत्काल डॉक्टरों व लैब टेक्नीशियन की टीम भेजकर जांच करें। इसी कड़ी में जिला अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार बैकुंठपुर ब्लॉक के एसईसीएल व पंडोपारा, झिलमिली में स्वाइन फ्लु एच 1 एन 1 सर्वे किया गया। सर्विलेंस टीम द्वारा स्वाइन फ्लू H 1 N1 का सर्वे घर-घर किया जा रहा है। स्वाइन फ्लु का टीमों के द्वारा घर-घर जाकर सर्वे किया गया, स्वाइन फ्लु मरीज की खोज की गई।

जानकारी के अनुसार 36 घरों में सर्वे की गई, जहां 136 लोग निवासरत हैं। सर्दी, खांसी, सांस में तकलीफ की संख्या नहीं पाई गई। बुखार से पीड़ित मरीज़ो की संख्या नही था लेकिन 0-5 वर्ष के दो बच्चे में बुखार था। गर्भवती महिलाओं में इस तरह के लक्षण नहीं पाए गए। सर्विलेंस टीम व जिला टीम में डॉ. अभय तिर्की एपिडेमियोलॉजिस्ट, लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, स्टाफ- नर्स, ब्लॉक टीम अमृतलाल टुण्डे प्रभारी बीईई, सुपरवाइजर के अलावा एसईसीएल के मैनेजर श्री बंजारे के नेतृत्व में उनकी टीम में डॉ चंद्रेश पटेल, लैब।टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स द्वारा घर- घर स्वाइन फ्लू के सम्बंध में सर्वे की गई।

इस दौरान आम लोगों को सावधानी बरतने व स्वाइन फ्लू के लक्षण के बारे में डॉक्टरों द्वारा जानकारी दी गई। सामान्यतः लक्षणों में बुखार, खांसी, गले में खराश, ठंड लगना, कमजोरी और शरीर में दर्द शामिल हैं। अग्रिम मामलों में बच्चों को सांस की तकलीफ, निर्जलीकरण और चिड़चिड़ापन का अनुभव हो सकता है। बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को गंभीर संक्रमण का खतरा होता है। इस तरह के लक्षण दिखने पर तत्काल डॉक्टर से जाँच कराना ज़रूरी होता है।

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