एंकर:- बलरामपुर जिले में वन विभाग की मदद से महिलाएं इन दिनों मशरूम की खेती कर रही है मशरूम की खेती ने बलरामपुर जिले की महिलाओं को एक अलग पहचान दी है,मशरूम की खेती कर महिलाओं ने ना सिर्फ खुद को सशक्त बनाने का काम किया है, बल्कि अन्य महिलाओं को भी प्रोत्साहित किया है..
आमतौर पर खेती को लेकर जब बात होती है, तब सबसे पहले एक पुरुष का चेहरा ही सामने आता है..मगर बदलते समय के साथ अब महिलाएं भी खेती द्वारा अपनी पहचान बना रही हैं..इसकी सशक्त मिसाल बलरामपुर की कुछ महिलाएं हैं जो इन दिनों मशरूम की खेती के माध्यम से ना केवल आत्मनिर्भर हो रही हैं बल्कि अन्य महिलाओं के लिए भी उदाहरण बन रही है
जिले के रामानुजगंज वन परिक्षेत्र के जमवंतपुर में वन विभाग की पहल से समूह की महिलाएं इन दिनों मशरूम का उत्पादन कर रही हैं पिछले 1 महीने से वह इस काम मे जुड़ी हुई हैं और इससे हो रही आमदनी से न सिर्फ उनका आत्मविश्वास बढ़ा है बल्कि वह दूसरों के लिए भी उदाहरण बन रही हैं.. समूह की महिलाओं ने बताया कि पहले वह घर में ही सामान्य सब्जियों की खेती करती थी लेकिन अब मशरूम की खेती करके उनकी आमदनी बढ़ी है और वह खुश हैं ..वही इसमें वन विभाग का भी महिलाओं को बेहतर सहयोग मिल रहा है..वन विभाग रेन्जर संतोष पाण्डेय ने बताया कि मशरूम कल्चर को लेकर के जो काम हुआ है इसमे अंबिकापुर की टीम ने आकर महिलाओं को ट्रेनिंग दी थी.. जिसके बाद महिलाएं अपना काम मशरूम उत्पादन के प्रति बेहतर तरीके से कर रही हैं…
समूह की महिलाओं ने बताया कि मशरूम का उत्पादन होने के बाद अलग-अलग टोली बनाकर वह गाँव सहित स्थानीय बाजारों में जाकर इसकी बिक्री करती हैं..मशरूम प्रति किलो 200 से 250 रुपए किलो यहां पर बिकता है.. ऐसे में एक महिलाएं प्रतिदिन करीब ₹300 कमा लेती है.. वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि एक समूह की महिलाओं की तरक्की को देखकर अब विभाग जिले के अलग-अलग गांवों में भी मशरूम उत्पादन हेतु महिलाओं को प्रेरित करने वाला है.