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राजेश ज्वेलर्स लूटकांड में बड़ी सफलता: अंतरराज्यीय लूट गिरोह धरा गया, करोड़ों की संपत्ति बरामद**

अंतरराज्यीय लुटेरों का गिरोह चढ़ा पुलिस के हत्थे: बलरामपुर-रामानुजगंज पुलिस को मिली ऐतिहासिक सफलता, करोड़ों की लूट का किया पर्दाफाश


छत्तीसगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले की पुलिस ने तीन राज्यों (बिहार, झारखंड, और छत्तीसगढ़) में आतंक मचाने वाले अंतरराज्यीय लुटेरों के गिरोह को पकड़कर बड़ी कामयाबी हासिल की है। रामानुजगंज के मशहूर राजेश ज्वेलर्स में करोड़ों की लूट की घटना को अंजाम देने वाले इन शातिर अपराधियों को पुलिस ने दिल्ली, बिहार, और झारखंड से गिरफ्तार किया है। यह गिरोह न केवल लूट, बल्कि डकैती, हत्या और हत्या के प्रयास जैसे संगीन अपराधों में भी वांछित था।

**राजेश ज्वेलर्स लूट: घटना का विस्तृत विवरण**


दिनांक 11 सितंबर 2024 को दोपहर करीब 1:30 बजे रामानुजगंज स्थित गांधी मैदान के सामने राजेश ज्वेलर्स में पांच हथियारबंद लुटेरों ने धावा बोला। उन्होंने ज्वेलर्स के मालिक राजेश सोनी को घायल करते हुए लगभग 2 करोड़ 85 लाख रुपये के सोने-चांदी के आभूषण और 7 लाख रुपये नकद लूट लिए। लूट के बाद आरोपी झारखंड की ओर भाग निकले। घटना की सूचना मिलते ही रामानुजगंज पुलिस ने अपराध क्रमांक 176/2024 धारा 309 (6) बी.एन.एस., 25, 27 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया और त्वरित कार्रवाई शुरू की

**गिरोह की तलाश और पुलिस की कार्रवाई**
लूट की गंभीरता को देखते हुए तत्कालीन पुलिस अधीक्षक राजेश अग्रवाल(भा.पु.से) ने विशेष पुलिस टीमों का गठन किया। इन टीमों को छत्तीसगढ़ के अलावा बिहार और झारखंड के संदिग्ध स्थानों पर भेजा गया। नए पुलिस अधीक्षक वैभव बैंकर ने पदभार ग्रहण करते ही इस मामले को प्राथमिकता दी। साइबर सेल की मदद से तकनीकी जानकारी जुटाई गई और आरोपियों के संभावित ठिकानों का पता लगाया गया।

            **मुख्य आरोपी और गिरफ्तारी**


इस संगठित गिरोह का मास्टरमाइंड  सोनू सोनी था, जिसने अपने भाई मोनू सोनी और अन्य साथियों के साथ मिलकर इस बड़ी लूट की योजना बनाई थी। पुलिस ने दिल्ली, झारखंड और बिहार में ताबड़तोड़ छापेमारी की, जिसके तहत मुख्य आरोपी मोनू सोनी उर्फ राज सोनी, सोनू सोनी और उनके मामा अरविंद सोनी को दिल्ली पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार किया गया। साथ ही सोनू की गर्लफ्रेंड अंजनी एक्का को मोहाली से पकड़ा गया, जिसने लूट के जेवरात को छिपाने में मदद की थी।

इसके अलावा, अन्य दो मुख्य आरोपियों राहुल मेहता और विक्की सिंह को औरंगाबाद, बिहार से गिरफ्तार किया गया। इन आरोपियों ने लूट के बाद अलग-अलग स्थानों पर भागने और जेवरात छिपाने का काम किया था।

             **लूट की संपत्ति की बरामदगी**
पुलिस ने आरोपियों से लूट का बड़ा हिस्सा बरामद किया, जिसमें शामिल हैं:


– **3.354 किलोग्राम सोना**
– **7.280 किलोग्राम चांदी**
– **5 लाख 80 हजार रुपये नकद (बैंक खातों से)**
– **01 बोलेरो वाहन**
– **02 अपाचे मोटरसाइकिल**
– **02 पिस्टल**

पुलिस ने इस लूट का लगभग **2 करोड़ 40 लाख रुपये** का माल बरामद कर लिया है।



**अंतरराज्यीय गिरोह का लंबा आपराधिक इतिहास**


यह गिरोह सिर्फ इस लूटकांड में ही नहीं, बल्कि पहले भी बिहार और झारखंड में कई गंभीर अपराधों में लिप्त था। झारखंड पुलिस ने मुख्य आरोपी सोनू और मोनू पर **50-50 हजार रुपये** का इनाम घोषित कर रखा था। इन पर झारखंड में कई थानों में लूट, डकैती, और हत्या के प्रयास जैसे मामले दर्ज हैं। इनके खिलाफ दर्ज कुछ प्रमुख मामले इस प्रकार हैं:
1. थाना चैनपुर (पलामू): अपराध क्रमांक 256/2018 धारा 392 भादवि
2.थाना पलामू:अपराध क्रमांक 248/2020 धारा 392, 395, 412 भादवि
3.थाना चैनपुर (पलामू):अपराध क्रमांक 122/2023 धारा 392 भादवि
4.थाना सोनारी: अपराध क्रमांक 68/2024 धारा 395, 412 भादवि



        **पुलिस की तारीफ और सम्मान**
बलरामपुर-रामानुजगंज पुलिस टीम की इस बड़ी सफलता के लिए **पुलिस महानिदेशक महोदय, छत्तीसगढ़** द्वारा पूरी टीम को बधाई दी गई है और पुरस्कार की घोषणा की गई है। इस ऑपरेशन में पुलिस के कुशल नेतृत्व और साइबर टीम की निरंतर मेहनत की सराहना की गई।

इस पूरे ऑपरेशन में **वैभव बैंकर (पुलिस अधीक्षक)**, **शैलेन्द्र पांडेय (अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक)**, और **याकूब मेमन (पुलिस अनुविभागीय अधिकारी)** के साथ **साइबर सेल** की टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

     **संलग्न पुलिसकर्मी जिनका रहा अहम योगदान:**
– रमाकांत तिवारी, निरीक्षक, थाना प्रभारी रामानुजगंज
– संतलाल आयाम, निरीक्षक, थाना प्रभारी रघुनाथनगर
– कुमार चंदन सिंह, निरीक्षक थाना प्रभारी बसंतपुर
– हिम्मत सिंह शेखावत, उप निरीक्षक, चौकी प्रभारी तातापानी
– शुभाष कुजूर, उप निरीक्षक, चौकी प्रभारी बरियों
– सउनि अश्विनी सिंह, चौकी प्रभारी विजयनगर


                            **निष्कर्ष:**
बलरामपुर-रामानुजगंज पुलिस की यह ऐतिहासिक सफलता न केवल एक बड़ी लूटकांड का पर्दाफाश है, बल्कि तीन राज्यों में आतंक मचाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के खात्मे की भी शुरुआत है। पुलिस की सतर्कता, तकनीकी कौशल, और टीमवर्क से यह संभव हो सका, जिसके लिए पूरी टीम की सराहना हो रही है।

**स्रोत:** बलरामपुर-रामानुजगंज पुलिस, छत्तीसगढ़.

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