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डॉ. हेमंत दीक्षित को खंड चिकित्सा अधिकारी के प्रभार से हटाया गया: कर्मचारियों की हड़ताल के बाद प्रशासन ने लिया बड़ा निर्णय

रामानुजगंज स्थित 100 बिस्तरीय अस्पताल में 13 नवंबर 2024 को स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ ब्लॉक इकाई रामानुजगंज के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों ने खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. हेमंत दीक्षित को हटाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की। इस हड़ताल के दौरान कर्मचारियों ने डॉ. हेमंत दीक्षित के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए, जो उनके प्रशासनिक कार्यप्रणाली और व्यवहार से संबंधित थे।

कर्मचारियों के आरोप और विरोध का कारण

1. प्रशासनिक अनियमितताएं: कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि खंड चिकित्सा अधिकारी के कार्यकाल में प्रशासनिक कार्यों में लापरवाही और अनियमितताएं बढ़ गई थीं।


2. कार्य वातावरण: यह भी आरोप लगाया गया कि अस्पताल में कामकाज का माहौल तनावपूर्ण हो गया था और कर्मचारियों के साथ अनुचित व्यवहार किया जा रहा था।

                   हड़ताल का प्रभाव

इस हड़ताल के कारण अस्पताल की सामान्य सेवाओं पर बड़ा असर पड़ा। स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित हुईं, जिससे मरीजों और आम जनता को असुविधा का सामना करना पड़ा। हड़ताल के दौरान कर्मचारियों ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) से इस मामले में जल्द से जल्द ठोस कार्रवाई की मांग की।



                 प्रशासन की कार्रवाई

कर्मचारियों की हड़ताल और उनके आरोपों को गंभीरता से लेते हुए, सीएमएचओ ने सात दिनों के भीतर जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस पर हड़ताल स्थगित कर दी गई।

नियुक्ति आदेश जारी: जांच और प्रशासनिक समीक्षा के बाद, सीएमएचओ कार्यालय, जिला बलरामपुर-रामानुजगंज ने डॉ. महेश प्रसाद गुप्ता को नए खंड चिकित्सा अधिकारी के रूप में नियुक्त किया।

पदभार हस्तांतरण के निर्देश: डॉ. हेमंत दीक्षित को तत्काल प्रभाव से पदभार छोड़ने और नए अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपने का निर्देश दिया गया।


               कर्मचारियों की प्रतिक्रिया

इस निर्णय के बाद कर्मचारियों में उत्साह और संतोष का माहौल देखा गया। कर्मचारियों ने इसे अपनी एकजुटता और संघर्ष की जीत के रूप में देखा। उनका कहना है कि अब अस्पताल में काम का माहौल बेहतर होगा और मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी।


अस्पताल प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है कि आने वाले समय में कार्य प्रणाली को अधिक पारदर्शी और कर्मचारियों के हितों के अनुरूप बनाया जाएगा। नई नियुक्ति से यह उम्मीद की जा रही है कि अस्पताल में प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार होगा और मरीजों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान की जाएंगी।


डॉ. हेमंत दीक्षित को हटाने का निर्णय प्रशासन और कर्मचारियों के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने का संकेत है। यह कदम न केवल कर्मचारियों की मांगों को स्वीकार करने का उदाहरण है, बल्कि यह अस्पताल की सेवाओं में सुधार की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।

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