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भाजपा ने विशाल धरना प्रदर्शन कर किया जेल भरो आंदोलन, प्रदेश सरकार द्वारा पारित कानून के खिलाफ हुआ प्रदर्शन,भाजपा नेताओं ने सरकार के फैसले को कहा काला कानून

कोरिया। जिला मुख्यालय बैकुंठपुर के नगर पालिका कॉम्पलेक्स के सामने कांग्रेस सरकार के काला कानून के खिलाफ विशाल धरना प्रदर्शन कर कांग्रेस से 19 बिंदुओं पर पारित कानून को वापस लेने के लिए कहा गया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने धरना स्थल से पूरे जोश के साथ अस्थायी जेल मानस भवन में अपना-अपना गिरफ्तारी दिया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से जिला संगठन प्रभारी एवं भाजपा प्रदेश मंत्री प्रबल प्रताप जुदेव, पूर्व मंत्री भईयालाल राजवाड़े, जिलाध्यक्ष कृष्णबिहारी जायसवाल, प्रदेश किसान मोर्चा श्यामबिहारी जायसवाल, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अनिल केशरवानी, प्रदीप सालूजा, महिला मोर्चा प्रदेश महामंत्री चम्पादेवी पावले, जिला पंचायत अध्यक्ष रेणुका सिंह, जिला उपाध्यक्ष शैलेष शिवहरे, देवेन्द्र तिवारी, लक्ष्मण राजवाड़े, सुनिता सिंह, दुर्गाशंकर मिश्रा, जिला महामंत्री जमुना पाण्डेय, डमरू बेहरा, किसान मोर्चा प्रदेश मंत्री गोमती द्विवेदी, जिला कोषाध्यक्ष राहुल सिंह, जिला मंत्री पंकज गुप्ता, दृगपाल सिंह, अनिता देवी, अनुपमा निशी, जिला संवाद प्रमुख बसंत राय, नगर पालिका अध्यक्ष नविता शिवहरे, नगर पंचायत सरोज यादव, धीरेन्द्र विश्वकर्मा प्रमुख रूप से उपस्थित रहें।

इस दौरान जिला संगठन प्रभारी एवं प्रदेश मंत्री प्रबल प्रताप जुदेव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि, कांग्रेस सरकार गत दिवस 19 बिंदुओं का नियम लाया यह अघोषित आपातकाल है, जिसे लागू कर छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार आम जनता को डराना चाह रही है। उन्होंने कहा कि सरकार जनाक्रोश को दबाना चाहती है। भूपेश सरकार के काला कानून का विरोध जरूरी है। कानून (भूपेश एक्ट) को वापस लिया जाए। उन्होंने कहा कि यह नियम स्वयं भूपेश बघेल का बनाया हुआ है और हम इसे भूपेश एक्ट कहते हैं। उन्हांेेने कहा कि, प्रदेश की सरकार अपने चुनावी घोषणा पत्र को पूरा करने में पूरी तरह से विफल है। कांग्रेस की सरकार द्वारा प्रधानमत्रंी आवास योजना के राशि भुगतान पर रोक लगाया है साथ गौ तस्करी, धर्मांतरण, लूट-मार जैसी अपराध बढ़ती जा रही है इस कोई पर कोई लगाम नहीं है।

वहीं भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णबिहारी जायसवाल ने कहा कि, भूपेश सरकार ने लोकतांत्रिक आस्थाओं पर चोट किया है। राज्य सरकार आंदोलन करने से रोक रही है। भूपेश सरकार डर रही है कि, अपने चुनाव घोषणा पत्र के वायदे पूरा कर पाई है और सभी लोग आंदोलन करना शुरू कर दिए इससे कांग्रेस सरकार डर कर ऐसे नियम लाया है उन्होेंने कहा कि, कार्यक्रम के अनुमति समेत 19 बिंदुओं को अनिवार्य किया है जिसका भाजपा विरोध करती है। पूर्व मंत्री भईयालाल राजवाड़े ने कहा कि, प्रदेश सरकार के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है और आम जनता और कर्मचारियों से किए गए वादे को पूरा न कर पाने के कारण कांग्रेस सरकार घबरा कर आपातकाल की तर्ज पर राज्य में नए नियम लागू किए है।

प्रदेश किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा कि, राज्यभर के विभिन्न कर्मचारी संगठन, किसान, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मनरेगा कर्मी, स्वास्थ्य कर्मी, विद्युतकर्मी अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इन आंदोलनों को दबाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एक काला कानून लाकर लोकतंत्र की आवाज को दबाने का कार्य कर रही है। प्रदेश महामंत्री चम्पादेवी पावले ने कहा कि, एक तरफ तो उत्तरप्रदेश में प्रियंका गांधी कहती हैं कि हम लड़की हैं, लड़ सकती हैं तो वहीं छत्तीसगढ़ में आवाज उठाने वाली एक लड़की की आवाज को दबाने का प्रयास मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कर रहे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने बताया कि पार्टी ने छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक कार्यक्रमों, आयोजनों और धरना-प्रदर्शन को लेकर राज्य सरकार के नए नियमों के खिलाफ में प्रदर्शन किया और अपनी गिरफ्तारी दी। भाजपा नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार ने धरना-प्रदर्शन से पहले सरकार की अनुमति समेत 19 बिंदुओं को अनिवार्य किया है जिसका भाजपा विरोध कर रही है।
भाजपाइयों ने बैरिकेड तोड़ा, अस्थाई जेल ले भेजा गया –
नगर पालिका बैकुण्ठपुर परिसर पर भाजपाईयों ने सरकारी आदेश को लोकतंत्र की हत्या बताते हुए सड़क पर प्रदर्शन किया। नगर पालिका के सामने सैकड़ों की तादाद में मौजूद नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान कार्यकर्ता बैरिकेड के उपर चढ़कर आगे बढ़़े। पुलिस कर्मियों और कार्यकर्ताओं के बीच जमकर झूमाझटकी हुई। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से भानूपाल, सुभाष साहू, अरशद खान,तीरथ राजवाड़े, रमन सिंह, अन्नू दुबे,आशीष साहू, पवन शुक्ला, राजाराम, गोपाल राजवाड़े, मुसाफिर सिंह, धनेश यादव, ईश्वर राजवाड़े, केपी सिंह, संदीप साहू, धर्मेन्द्र पटवा, रामचरित द्विवेदी, रघुनंदन यादव, नरेन्द्र साहू, जनार्दन साहू, अभिमन्यु मृदुली, अरूण जायसवाल, धीरेन्द्र साहू, संजय चिकनजुरी, कपील जायसावल, श्रीराम राजवाड़े, राजेन्द्र चक्रधारी, महेन्द्र साहू, अंचल राजवाड़े, अनिल साहू, अंकुर जैन, रविशंकर सिंह सहित भारी संख्या मंे कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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